जिंदगी के सुहाने सफर।
जिंदगी के सुहाने सफर बस में।
बस से सफ़र सुनते ही।
मन में जो स्मृति बनी ।
ना जाने कितने यादों के पन्ने हमने पलटे।
बस के सुहाने सफर से जो हैं जुड़ते ।
कभी कंडेक्टर के पास ।
सीट आगे वाली ।
पापा के साथ बहुत मज़े से बैठना।
सुनते हुए जाना नये किस्से कहानी।
स्कूल से घूमने जाना दिल्ली।
शहर की भीड़ भरी सड़कों में ।
जैसे तैसे बस हमारी निकली।
बस से झांकती मैं चमचमाती रोशनी ।
लगता यहाँ सारी दुनिया का मेला।
इस भागम-भाग में इन्सा रह गया अकेला।
बस से ही किया कश्मीर का ट्रिप।
दोस्तों के साथ किया जिंदगी का ये सफ़र।
खिड़की से झांकती आनंद लेती निगाहें।
चारों तरफ दिखाई दे रही थी हरियाली हरियाली।
अगला सफ़र मनाली का किया।
Vfyjgxbvxfg
15-Jun-2021 09:20 PM
बेहद खूबसूरत रचना
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Aliya khan
15-Jun-2021 04:20 PM
बहुत सुन्दर
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NEELAM GUPTA
15-Jun-2021 03:16 PM
सभी को मेरा बहुत बहुत धन्यवाद
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